मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य की नई सरकार और उसके मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोला है. कोरोनावायरस संकट के बीच बुलाए जा रहे विधानसभा सत्र को लेकर कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'एक तरफ तो कोरोनावायरस को लेकर सुरक्षा व सावधानी के लिए तमाम निर्णय, प्रदेश में भी कर्फ्यू जैसे निर्णय. वहीं दूसरी तरफ शिवराज सरकार द्वारा खुद के नियमों का उल्लंघन कर कर्फ्यू में भी विधानसभा सत्र बुलाने का निर्णय लिया गया, निर्णय समझ से परे है.'
एक तरफ़ कोरोना वाइरस को लेकर सुरक्षा व सावधानी के लिये लिये गये तमाम निर्णय,प्रदेश में भी लॉक डाउन,कर्फ़्यू जैसे निर्णय,वही दूसरी तरफ़ शिवराज सरकार द्वारा ख़ुद के निर्णयों का उल्लंघन कर कर्फ़्यू में भी विधानसभा सभा का सत्र आज बुलाने का देर रात में लिया गया निर्णय समझ से परे,
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विश्वास मत हासिल करने के लिये समय था , आख़िर इतनी जल्दबाज़ी क्यों ?
कोरोंना से बचाव के लिये यह दोहरे मापदंड क्यों ?
जनता के लिये नियमो के पालन की सख़्ती व ख़ुद उल्लंघन पर उल्लंघन ?
अभी तो एक दिन ही हुआ है , कहेंगे कुछ करेंगे कुछ....
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कमलनाथ ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, 'विश्वास मत हासिल करने के लिए समय था. आखिर इतनी जल्दबाजी क्यों? कोरोना से बचाव के लिए दोहरे मापदंड क्यों? जनता के लिए नियमों के पालन की शक्ति व खुद उल्लंघन पर उल्लंघन? अभी तो एक दिन ही हुआ है, कहेंगे कुछ करेंगे कुछ...'
एक तरफ़ कोरोना वाइरस को लेकर सुरक्षा व सावधानी के लिये लिये गये तमाम निर्णय,प्रदेश में भी लॉक डाउन,कर्फ़्यू जैसे निर्णय,वही दूसरी तरफ़ शिवराज सरकार द्वारा ख़ुद के निर्णयों का उल्लंघन कर कर्फ़्यू में भी विधानसभा सभा का सत्र आज बुलाने का देर रात में लिया गया निर्णय समझ से परे,
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बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के मध्य प्रदेश विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को राजभवन में सोमवार रात को राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. चौहान ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. शपथ ग्रहण करने के बाद चौहान ने जनता कर्फ्यू की सफलता का जिक्र करते हुए लोगों से आह्वान किया है कि वे कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए आगे आएं. शपथ ग्रहण समारोह में निवर्तमान मुख्यमंत्री कमलनाथ भी मौजूद रहे थे.